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दैनिक जीवन में ph का महत्व

 दैनिक जीवन में ph का महत्व :-  दैनिक जीवन में ph का महत्व :-   1:- हमारे पाचन तंत्र का ph :- हमारे उदार स्थित HCL अम्ल भोजन के पाचन में सहायक होता हैंं, अधिक मात्रा में HCL का उत्पादन, उदर में गम्भीर दर्द व जलन उत्पन्न कर देता है। जिससे मुक्त होने के लिए प्रतिअम्ल (antacid) लेना पड़ता है। यह HCL की अधिक मात्रा को अभिक्रिया द्वारा उदासीन कर देता है। मिल्क ऑफ मैग्नीशिया (मैग्नीशियम हाइड्राक्साइड) प्रतिअम्ल का एक अच्छा उदाहरण है।  ‌ 2:-   ph परिवर्तन के कारण दंत-क्षय :- मुॅंह के ph का मान 5.5 से कम अर्थात अधिक अम्लीय होने पर दाॅंतों का क्षय प्रारंभ हो जाता है। दाॅंतों की सुरक्षा के लिए, दाॅंतों पर कैल्शियम फाॅस्फेट का एनैमल होता है, जिसका ph, 5.5 से कम होने पर संक्षारण हो जाता है। उचित दंत-मंजन (क्षारीय प्रकृति का होने के कारण) के प्रयोग द्वारा दंत-क्षय को रोका जा सकता है।  ‌3:- पशुओं एंव पौधों द्वारा उत्पन्न रसायनों से आत्मरक्षा :- मधुमक्खी के डंक मे अम्ल होता है, जो इसके द्वारा काटने पर यह हमारे शरीर में प्रविष्ट कर जाता है, जिससे हमे जलन व ...

लिंग गुणसूत्र का क्या अर्थ है ?

  लिंग गुणसूत्र का क्या अर्थ है ?   लिंग गुणसूत्र का क्या अर्थ है ?   लिंग गुणसूत्र मनुष्य की सभी कायिक तथा जनन कोशिकाओं में 46 गुणसूत्र होते हैं। इनमें से 44 गुणसूत्रों के 22 समजात जोड़े होते हैं, जिन्हें ऑटोसोम्स (autosomes) कहते हैं।  शेष एक जोड़ा गुणसूत्र लिंग गुणसूत्र कहलाते हैं। पुरुष तथा स्त्री में यह गुणसूत्रों का जोड़ा एक-दूसरे से भिन्न होता है। पुरुष में इस जोड़े (23वें जोड़े) के दोनों गुणसूत्र एक-दूसरे से भिन्न होते हैं, जिनमें से एक छोटा तथा दूसरा बड़ा होता है।  इस प्रकार ये हेटरोसोम्स (heterosomes) हैं। इनमें से बड़ा 'X' तथा छोटा 'Y' गुणसूत्र कहलाता है। स्त्री में दोनों लिंग गुणसूत्र भी समजात तथा 'X' प्रकार के होते हैं।  इस प्रकार :-  1 :- पुरुष की जनन कोशिका में 22 जोड़ा + XY = 46 गुणसूत्र  तथा  2 : - स्त्री की जनन कोशिका में 22 जोड़ा + XX = 46 गुणसूत्र होते हैं,  अर्थात् मनुष्य में लड़के अथवा लड़की का होना इन्हीं लिंग गुणसूत्रों पर निर्भर करता है।  : - आशा करते है दोस्तों की यह पोस्ट आपको पसंद आयी होंगी, ऐसे ही...

मिश्रण किसे कहते हैं / मिश्रण के प्रकार ?

  मिश्रण किसे कहते हैं / मिश्रण के प्रकार ?  Vikas Education  मिश्रण - दो या दो से अधिक पदार्थो तत्व  या यौगिक किसी भी अनुपात मे मिलाने पर जो पदार्थ बनता है, उसे मिश्रण कहते है।  मिश्रण के प्रकार -  1- समांगी मिश्रण 2- विषमांगी मिश्रण  > मिश्रण बनने में कोई रसायनिक क्रिया नहीं होती है।  >> इसमें 1 से अधिक सूत्र पदार्थ होते हैं।  उदाहरण - जल और नमक का मिश्रण                    रेत और जल का मिश्रण 1-समांगी मिश्रण - जिस मिश्रण में उपस्थित अवयवों को पृथक रूप से नहीं देखा जा सकता है उसे समांगी मिश्रण कहते हैं ।   उदाहरण - नमक तथा जल का मिश्रण                   चीनी तथा पानी का मिश्रण 2 - विषमांगी मिश्रण - जिस मिश्रण में प्रत्येक भाग का संगठन तथा गुण धर्म समान नहीं होता तथा अवयवों को देखा नहीं जा सकता है, उसे विषमांगी मिश्रण कहते हैं।   उदाहरण - जल तथा रेत का मिश्रण               ...

मात्रक किसे कहते हैं ? मात्रक के प्रकार , और उसके फार्मूला ।

                  मात्रक (Units)    1-  मात्रक (Unit)किसे कहते हैं ?  Ans- किसी भी भौतिक राशि के मापन के लिए चुनी गयी मानक राशि को, मात्रक कहते हैं।  2-  परिमाण (Magnitude)किसे कहते हैं ?  Ans- किसी राशि मे उसका मात्रक जितनी बार शामिल होता है, वह संख्या उस राशि का परिमाण कहलाता हैं।  3-  मूल मात्रक ( Fundamental Units) किसे कहते हैं ?  Ans- वैसे मात्रक ( लम्बाई, द्रव्यमान, समय आदि ) जो एक दूसरे से स्वतंत्र या अलग होते हैं, मूल मात्रक कहलाते है।  जैसे - द्रव्यमान का मात्रक 'ग्राम' , समय का मात्रक 'सेकेंड', लंबाई का मात्रक 'सेंटीमीटर हैं।  4-  व्युत्पन्न मात्रक (Derived Units) किसे कहते है ?  Ans - वैसी राशियाँ जो मूल मात्रको पर निर्भर करती है,  व्युत्पन्न मात्रक  कहलाता हैै ।  जैसे -   क्षेत्रफल का मात्रक 'वर्गमीटर', घनत्व का मात्रक 'किलोग्राम प्रति घन मीटर' आदि ।  Vikas Education Page :-  S.I के मूल मात्रक ( Fundamental Units of...