बूलियन बीजगणित का इतिहास (History Of Boolean Algebra)
This Post By : Vikas Education
Owner : Vikas Yadav
Date/15Oct/2020:
Time : 9:00Am
Subject : Computer
TOPIC : Boolean Algebra
नमस्कार दोस्तो, आज हम आपके लिए Computer से जुड़े एक Content को लेकर आये है, आशा करते है की आपको ये Post पसंद आयी होगी।
बूलियन बीजगणित का इतिहास
>> बूलियन बीजगणित (Boolean Algebra) गणितीय प्रणाली विश्व प्रसिद्ध गणितज्ञ जॉर्ज बूलि (George Booli) (1815-1864) द्वारा विकसित एवं प्रस्तुत की गयी थी, जॉर्ज बूली एक अंग्रेज गणितज्ञ प्रोफेसर थे।
'बूलियन बीजगणित' तथ्यों एवं तर्कों (Logics) पर आधारित गणितीय प्रणाली है। बूलियन बीजगणित के प्रस्तुतीकरण से पहले तर्क (Logic) को तर्कशास्त्र अथवा दर्शनशास्त्र अर्थात फिलॉसफी (Philosophy) के साथ जोड़ा जाता था लेकिन सन् 1847 मे जॉर्ज बूलि ने इस बात पर जोर दिया कि तर्क (Logic) को फिलॉसफी (Philosophy) के बजाय गणित के साथ जोड़ा जाना चाहिए ।
उन्होंने कुछ गणितीय चिन्हों का प्रयोग करके तर्कों पर आधारित कुछ तार्किक अथवा लॉजिकल (Logical) सिद्धांतों का प्रतिपादन किया और चिन्हयुक्त तर्क क्षेत्र (Symbolic Logic Field) की स्थापना की, जिसका अध्ययन तर्कशास्त्र (Philosophy) के अतिरिक्त गणित के साथ भी किया जाता है । इस क्षेत्र को बूलियन बीजगणित (Boolean Algebra) का नाम दिया गया।
बुलियन बीजगणित के अंतर्गत जॉर्ज बूली ने बताया कि किसी ऑब्जेक्ट (Object), जैसे - वस्तु, कथन, व्यक्ति, स्थिति, आदि को उसमें किसी विशेष गुण की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है अर्थात किसी विशेष गुण के आधार पर उस ऑब्जेक्ट (Object) की अधिकतम दो संभावित अवस्थाएं हो सकती है, पहली अवस्था गुण की उपस्थिति की तथा दूसरी अवस्था उस गुण की अनुपस्थिति की।
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